पैरालंपिक और अर्जुन पुरस्कार विजेता हरविंदर सिंह श्री दरबार साहिब हुए नतमस्तक, उन्हें सम्मानित भी किया

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admin खेल 7 Views
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अमृतसर
पेरिस में होने वाले 2024 पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले हरविंदर सिंह और उनके कोच जीवन ज्योत सिंह तेजा और सचखंड श्री दरबार साहिब में माथा टेकने पहुंचे। जहां उन्होंने श्री दरबार साहिब में माथा टेका, वहीं मधुर बाणी का भी आनंद उठाया। इस अवसर पर सचखंड श्री दरबार साहिब के सूचना विभाग द्वारा गुरु नगरी अमृतसर पहुंचने पर उन्हें सम्मानित भी किया गया।

इस अवसर पर कोच द्रोणाचार्य अवार्डी जीवन ज्योत सिंह तेजा ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि पंजाब का एक युवा सिख 2024 पेरिस पैरालिंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक लेकर आया है। सभी देशवासियों और शिरोमणि कमेटी को बधाई देना चाहता हूं और सरकार के साथ-साथ युवाओं से भी अपील करना चाहता हूं कि वे युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरित करें ताकि देश के युवाओं को सही दिशा मिले।

भारत और विशेषकर पंजाब के युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरित करने के लिए तथा भारत और पंजाब का नाम दुनिया में सर्वोच्च स्थान पर ले जाने के लिए तथा हमारी नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनने के लिपैरालंपिक और अर्जुन पुरस्कार विजेता हरविंदर सिंह श्री दरबार साहिब हुए नतमस्तक, कही ये बातपैरालंपिक और अर्जुन पुरस्कार विजेता हरविंदर सिंह श्री दरबार साहिब हुए नतमस्तक, कही ये बातए हम आज सचखंड श्री दरबार साहिब में श्रद्धा सुमन अर्पित करने तथा गुरु महाराज का धन्यवाद करने आए हैं। प्रार्थना करते हैं कि भगवान हरविंदर जैसे खिलाड़ी को हमेशा सुर्खियों में रखें ताकि वह अपने परिवार, देश और पंजाब का नाम दुनिया में रोशन कर सके।

इस बीच, पैरालंपिक एथलीट और अर्जुन पुरस्कार विजेता हरविंदर सिंह ने कहा कि उन्हें 2024 पैरालंपिक खेलों में भाग लेने का अवसर मिला और उन्होंने भारत के लिए वह स्वर्ण पदक जीता। इसका सारा श्रेय हमारे कोच जीवन ज्योत सिंह तेजा को जाता है, जिन्होंने हमें इस खेल के लिए तैयार किया और आज हम विश्व में भारत और पंजाब का नाम रोशन कर पाए हैं। हम नई पीढ़ी से अपील करते हैं कि वे नशे का त्याग करें और खेलों पर ध्यान केंद्रित करें ताकि पंजाब की धरती से पैदा होने वाला हर बच्चा विश्व स्तर पर अपने अच्छे प्रदर्शन के माध्यम से देश का नाम रोशन कर सके। देश के युवाओं और किसानों के साथ-साथ हमें अपनी विरासत और संस्कृति से जुड़े खेलों पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

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