स्वास्थ्य विभाग में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ मानी जाने वाली सरकारी एंबुलेंस खुद ही इलाज की मोहताज

admin
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सोनीपत
स्वास्थ्य विभाग में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ मानी जाने वाली सरकारी एंबुलेंस खुद ही इलाज की मोहताज हो गई हैं। स्वास्थ्य विभाग के बेड़े में 28 सरकारी एंबुलेंस में से 8 खराब पड़ी हैं, जिससे मरीजों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं खराब एंबुलेंस के सहारे ही स्वास्थ्य विभाग चल रहा है। हालात इतने खराब है कि एंबुलेंस को धक्के के सहारे स्टार्ट किया जा रहा है।

बता दें कि सोनीपत में आपातकाल सेवाएं खुद वेंटिलेटर पर है। अस्पताल से रेफर किए जाने वाले मरीजों, खासकर गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को 2 से 4 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। कई बार एंबुलेंस उपलब्ध न होने के कारण मरीजों को महंगे निजी वाहनों या निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ता है, जिससे आर्थिक बोझ भी बढ़ जाता है। जिला नागरिक अस्पताल में चार एंबुलेंस हैं, लेकिन इनमें से तीन खराब हैं। आपातकालीन विभाग में रोजाना औसतन 10 से 15 मरीज एंबुलेंस से लाए जाते हैं, जबकि 2 से 4 मरीजों को रोहतक पीजीआई या खानपुर कलां महिला मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाता है। खराब एंबुलेंसों के कारण रेफर मरीजों को अस्पताल में लंबा इंतजार करना पड़ता है।

वहीं जब नागरिक अस्पताल में जिम्मेदार अधिकारी से इस मामले में बात की गई तो वह पल्ला झाड़ने ही नजर आए। उन्होंने कहा कि जिले भर में 30 एंबुलेंस है, जिनमें से सिर्फ पांच ही खराब है और वह पांच भी रिपेयरिंग के लिए जा चुकी है। देखना अब यही होगा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जीवन वाहिनी कहे जाने वाली एंबुलेंस की तरफ कब तक ध्यान देते हैं या फिर अपने दफ्तरों में बैठकर दावे ही करेंगे और अभी किसी बड़े हादसे का इंतजार इन अधिकारियों को है। यह देखना लाजमी होगा।

 

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