दो अधिकारी, 17 लोको पायलट समेत 26 गिरफ्तार, 1 करोड़ कैश बरामद… चंदौली में CBI का बड़ा एक्शन

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चंदौली

उत्तर प्रदेश के चंदौली में सीबीआई की एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. यहां पंडित दीनदयाल उपाध्याय (PDDU) रेल मंडल की डिपार्टमेंटल परीक्षा के दौरान फर्जीवाड़ा करने के आरोप में सीबीआई ने 26 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लोगों में रेलवे के दो बड़े अफसर, दर्जन भर लोको पायलट और अन्य लोग शामिल हैं. लखनऊ से आई सीबीआई की टीम ने चंदौली के एक मैरिज लॉन से कई सॉल्वर्स को भी हिरासत में लिया है. आरोप है कि ये सभी डिपार्टमेंटल परीक्षा में दूसरे की जगह एग्जाम दे रहे थे.

बताया जा रहा है कि पकड़े गए लोगों की निशानदेही पर 1 करोड़ रुपये से अधिक का कैश भी बरामद हुआ है. आरोप है कि प्रमोशन के लिए आयोजित इस डिपार्टमेंटल परीक्षा को पास कराने के लिए बड़े पैमाने पर अभ्यर्थियों से धन उगाही की गई और सॉल्वर्स को बुलाकर एग्जाम दिलाया जा रहा था.

दरअसल, पंडित दीनदयाल उपाध्याय (PDDU) रेल मंडल की डिपार्टमेंटल परीक्षा बीते मंगलवार को होनी थी. इस बीच सीबीआई को सूचना मिली कि इस परीक्षा में गड़बड़ी हो रही है और कुछ सॉल्वर्स चंदौली के एक मैरिज लॉन में ठहरे हुए हैं. सूचना पाकर सीबीआई एक्टिव हुई और सोमवार रात को उक्त मैरिज लॉन में छापा मारते हुए दो दर्जन से अधिक लोगों को रंगेहाथ पकड़ लिया, जो दूसरों के स्थान पर परीक्षा दे रहे थे. पकड़े गए आरोपियों के पास से परीक्षा के पेपर भी बरामद हुए हैं. इस कार्रवाई से पूरे रेल मंडल में हड़कंप मच गया.

दो सीनियर अफसर, लोको पायलट सहित 26 गिरफ्तार

जानकारी के मुताबिक, मामले में पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल के दो सीनियर अफसर और लोको पायलट सहित कुल 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यह कार्रवाई रेलवे की विभागीय प्रमोशन परीक्षा में पेपर लीक किए जाने के मामले में हुई है. रेलवे के लोको इंस्पेक्टर के लिए होने वाली यह विभागीय प्रमोशन की परीक्षा 4 मार्च को होनी थी, लेकिन इससे पहले ही सीबीआई टीम ने पेपर लीक किए जाने के इनपुट के बाद ताबड़तोड़ छापेमारी कर 26 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल, सीबीआई की टीम इन सभी आरोपियों को अपने साथ लेकर लखनऊ निकल गई है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सीबीआई की एंटी करप्शन ब्यूरो की लखनऊ ब्रांच की टीम को यह इंफ़ॉर्मेशन मिली थी कि 4 मार्च को पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल के अंतर्गत होने वाली रेलवे की लोको इंस्पेक्टर की विभागीय प्रमोशन परीक्षा में बड़े पैमाने पर खेल हुआ है और इसका पेपर लीक कराया गया है. इस लीड के मिलने के बाद लखनऊ सीबीआई ब्रांच की टीम एक्टिव मोड में आ गई और इस टीम के तकरीबन दो दर्जन से ज्यादा मेंबर्स ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल के अधिकारियों के साथ-साथ उन परीक्षार्थी लोको पायलट के ठिकानों पर भी छापेमारी की जिनको मंगलवार को परीक्षा देना था.

अलग-अलग इलाकों से उठाए गए आरोपी

सीबीआई की टीम में पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के अलग-अलग इलाकों से कई लोगों पायलट को रात में ही हिरासत में ले लिया. इसके बाद इन सभी लोगों को लेकर सीबीआई की टीम मुगलसराय कोतवाली पहुंची, जहां पर उनसे पूछताछ की गई. इन सभी लोगों से पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के बाद अगली सुबह सीबीआई की टीम ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल के दफ्तर में भी छापा मारा और इस मामले में कथित तौर पर शामिल रेलवे के दो बड़े अधिकारियों को भी गिरफ्तार कर लिया.

पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल के दफ्तर में स्थित सभा कक्ष में सीबीआई के अधिकारियों ने इन सभी आरोपियों से पूरे दिन पूछताछ की. इसके बाद इन सभी 26 आरोपियों को प्रिजन वैन में बैठाकर सीबीआई की टीम लखनऊ लेकर चली गई. इस संदर्भ में जब सीबीआई के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बात करने और किसी भी तरह की जानकारी शेयर करने से साफ-साफ इनकार कर दिया. हालांकि, बाद में सीबीआई की ओर से प्रेस नोट जारी कर डिटेल दी गई.

 दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल में हड़कंप

बताते चलें कि विभागीय प्रमोशन के लिए भारतीय रेलवे में अलग-अलग परीक्षाएं कराई जाती हैं. रेलवे की जो प्रमोशनल परीक्षा के पेपर लीक का मामला सामने आया है वह परीक्षा लोको पायलट से लोको इंस्पेक्टर बनने के लिए आयोजित की जानी थी. कोई भी लोको पायलट अगर 10 साल तक लोको पायलट की नौकरी कर लेता है या फिर 5 लाख किलोमीटर तक ट्रेन को चला लेता है तो इसके बाद वह लोको इंस्पेक्टर की परीक्षा के लिए एलिजिबल हो जाता है. इसी लोको इंस्पेक्टर की प्रमोशन परीक्षा 4 मार्च को पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल में होनी थी. लेकिन इससे पहले ही इस परीक्षा में पेपर लीक का मामला सामने आ गया और सीबीआई ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए रेलवे के सीनियर ऑफिसर्स के साथ-साथ कुल 26 लोगों को गिरफ्तार कर लिया.

फिलहाल, सीबीआई लखनऊ की टीम इन सभी 26 लोगों को लेकर लखनऊ के लिए निकल गई है, जहां पर पूरे मामले की जांच पड़ताल और अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. सीबीआई की एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम द्वारा की गई इस बड़ी कार्रवाई से पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल में हड़कंप मचा हुआ है.

विभागीय परीक्षा पेपर लीक कांड का भंडाफोड़

सीबीआई ने 3 और 4 मार्च 2025 की मध्यरात्रि को शुरू किए गए एक अभियान के दौरान मुगलसराय में पूर्व मध्य रेलवे के तहत आयोजित एक विभागीय परीक्षा पेपर लीक घोटाले का भंडाफोड़ किया है. सीबीआई ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि पूर्व मध्य रेलवे ने 4 मार्च 2025 को मुख्य लोको निरीक्षकों के पदों के लिए एक विभागीय परीक्षा निर्धारित की थी. मुगलसराय में मध्यरात्रि को तीन स्थानों पर सीबीआई द्वारा की गई जांच के दौरान, 17 उम्मीदवारों के पास हस्तलिखित प्रश्नपत्रों की फोटोकॉपी पाई गई.

जांच एजेंसी ने अपने बयान में कहा- "इस संबंध में एक वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता और आठ अन्य रेलवे अधिकारियों और अज्ञात उम्मीदवार और अज्ञात अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. " सीबीआई की अब तक की जांच के अनुसार, आरोपी वरिष्ठ डीईई व्यक्ति को उक्त परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी. उन्होंने अंग्रेजी में प्रश्न लिखे और कथित तौर पर इसे एक लोको पायलट को दिया, जिसने इसे हिंदी में अनुवाद किया और आगे एक कार्यालय अधीक्षक (प्रशिक्षण) को दिया.

कथित ओएस (प्रशिक्षण) ने इसे कुछ अन्य रेलवे कर्मचारियों के माध्यम से उम्मीदवारों को दिया. सीबीआई ने पैसे इकट्ठा करने और प्रश्न पत्र वितरित करने के आरोप में वरिष्ठ डीईई और अन्य रेलवे कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. वर्तमान में लोको पायलट के रूप में काम कर रहे 17 विभागीय उम्मीदवारों ने कथित तौर पर प्रश्न पत्र के लिए पैसे दिए और 3-4 मार्च 2025 की रात को प्रश्न पत्रों की प्रतियों के साथ रंगे हाथ पकड़े गए. उन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है.

सीबीआई ने कहा कि अब तक इस मामले में कुल 26 रेलवे अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है. 8 स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप 1.17 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए. सीबीआई ने बताया कि इन प्रश्न-पत्रों का मिलान मूल/वास्तविक प्रश्न-पत्र से किया गया और पाया गया कि वे मेल खाते हैं, यानी की फर्जीवाड़ा हुआ है.

 

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