नई दिल्ली
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि एलजी वीके सक्सेना ने आम आदमी पार्टी के शासन के दौरान दिल्ली को बचाया। गुप्ता ने एलजी की तारीफ करते हुए उनकी तुलना केदारनाथ के एक पत्थर से की जिसकी वजह से वहां आपदा के समय मंदिर की रक्षा हो पाई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी पत्थर की तरह एलजी ने दिल्ली में काम किया।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को एलजी वीके सक्सेना के साथ भलस्वा लैंडफिल साइट का निरीक्षण किया। यहां हटाए गए कूड़े के पहाड़ के स्थान पर बांस रोपण अभियान का शुभारंभ किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पिछली सरकार तो केवल पहाड़ों की बात करती थी, पर पहाड़ का शिला भी नहीं पकड़ पाए। यहां जो काम हो रहा है और जो टारगेट सेट किया गया है। उसमें केंद्र सरकार का सहयोग है। इस साइट से हटाई गई चीजों (कूड़े) का इस्तेमाल एनएचएआई की कई परियोजनाओं और डीडीए ग्राउंड को समतल करने में किया जा रहा है। लाखों टन मैटेरियल यहां से वहां लगाया गया।’
मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम हर महीने निरीक्षण करेंगे और तीनों लैंडफिल साइटों का दौरा करेंगे। एक साल के अंदर हम यह सुनिश्चित करेंगे कि लैंडफिल की ऊंचाई कम हो और ग्रीन लैंड विकसित हो ताकि आने वाले दिनों में अच्छी परियोजनाएं शुरू की जा सकें। हमारा मिशन दिल्ली को साफ और सुंदर बनाना है। दिल्ली सरकार मिशन मोड पर काम कर रही है। डबल इंजन की सरकार डबल रफ्तार से काम करेगी।' इस दौरान मुख्यमंत्री ने एलजी की तारीफ करते हुए कहा, 'जैसे केदारनाथ में जब बादल फटा था तो वहां एक शिला थी, उसने मंदिर को बचाए रखा कि बादल का पानी मंदिर को बहाकर ना ले जाए, ऐसे ही शिला का काम आपने उस सरकार (आम आदमी पार्टी की सरकार) के समय किया कि इस दिल्ली के प्रांगन, दिल्ली के मंदिर को बचाकर रखा।'
लगाए जा रहे बांस, जिनसे मिलता है ज्यादा ऑक्सीजन: LG
एलजी ने कहा कि भलस्वा लैंडफिल साइट पर एक नई शुरुआत हुई है, जो पिछले दो साल में मेहनत करके जमीन को खाली कराया गया था, वहां पौधारोपण की शुरुआत हुई है। 2 हजार बांस के पेड़ लगाए गए हैं। 54 हजार और पौधे लगाए गए हैं। बांस के पेड़ों को जानबूझकर लगाया गया है, क्योंकि यह 30 फीसदी अधिक ऑक्सजीन देता है। दिल्ली एक प्रदूषित शहर है, इसको हमारी सरकार प्रदूषण मुक्त करने वाली है। इसके लिए नई शुरुआत है। बांस पानी कम इस्तेमाल करता है और बढ़ता बहुत जल्दी है। एक साल में 20-25 फीट की हाईट हो जाएगी। अब जब आप हाईवे से गुजरेंगे तो आपको कूड़े का पहाड़ नहीं ग्रीन पैच दिखेगा।