MPIDC इंदौर को छह सेक्टर में नेक्स्ट लेवल पर ले जाने की तैयारी कर रहा : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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इंदौर

मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमपीआईडीसी) इंदौर को छह सेक्टर में नेक्स्ट लेवल पर ले जाने की तैयारी कर रहा है। भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इंदौर के इन छह सेक्टर का प्रमोशन किया जाएगा।

एमपीआईडीसी के एमडी राजेश राठौर ने बताया कि इंदौर में मौजूदा आईटी, टेक्सटाइल, ऑटो, फार्मा, लॉजिस्टिक और रियल एस्टेट सेक्टर को नेक्स्ट लेवल पर ले जाने की तैयारी की जा रही है।

इंदौर लगातार विकसित हो रहा है, लेकिन इसे और तेजी से विकसित करने पर सरकार का पूरा ध्यान है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने जापान यात्रा के दौरान पीथमपुर में टोयोटा के निवेश को लेकर कंपनी के उच्च अधिकारियों से चर्चा की थी।

आईटी और फिनटेक हब

    इंदौर के आईटी सेक्टर का केवल निर्यात ही इस समय 18,000 करोड़ रुपये से अधिक का है।

    इंदौर में टीसीएस, इंफोसिस, यश, इंफोबिंस, इम्पेटस, टास्कयूज, टेलीमार्ट सहित 300 से अधिक मध्यम और छोटी आईटी/बीपीओ कंपनियां कार्यरत हैं।

    1,000 से अधिक आईटी स्टार्टअप भी इंदौर में काम कर रहे हैं।

    सरकार का लक्ष्य है कि माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, आईबीएम जैसी बड़ी आईटी कंपनियां इंदौर में अपना बड़ा सेंटर खोलें।

    बड़ी फिनटेक कंपनियों के मुख्यालय इंदौर में स्थापित किए जाएं।

    एआई और मशीन लर्निंग की रिसर्च और डेवलपमेंट कंपनियों को इंदौर में लाया जाए।

    सरकार 501 करोड़ रुपये की लागत से आईटी पार्क-3 और 47 करोड़ रुपये की लागत से आईटी पार्क-4 बना रही है।

    आईटी पार्क-3 दिसंबर 2025 तक पूरा होगा, जिसमें 15,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।

    आईटी पार्क-4 जनवरी 2026 तक पूरा होगा, जिसमें 4,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।

    इंदौर शहर के निकट 400 हेक्टेयर भूमि पर आईटी और फिनटेक जोन विकसित करने की तैयारी है।

टेक्सटाइल और गारमेंट हब

    इंदौर में प्रतिभा सिंटेक्स, मराल ओवरसीज, कोहिनूर इलास्टिक, महिमा, बायो-स्पन जैसी 20 बड़ी कंपनियां हैं।

    रेडीमेड गारमेंट कॉम्प्लेक्स और अन्य क्लस्टर में 300 से अधिक छोटी कंपनियां काम कर रही हैं।

    सरकार बेंगलुरु और कोयंबटूर जैसे गारमेंटिंग क्लस्टर और भीलवाड़ा जैसा कपड़ा विनिर्माण क्षेत्र बनाने की तैयारी कर रही है।

    1,575 करोड़ रुपये की लागत से पीएम मित्र पार्क का विकास किया जा रहा है, जहां 15,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा और 1 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

    167 करोड़ रुपये की लागत से प्लग एंड प्ले पार्क का विकास किया जा रहा है, जो दिसंबर 2026 तक पूरा होगा और यहां 12,000 लोगों को नौकरी मिलेगी।

फार्मा और हेल्थकेयर हब

    इंदौर में सीपला, मॉयलान, अजंता फार्मा, पार फार्मा, सिम्बायोटेक सहित 50 से अधिक फार्मास्युटिकल कंपनियां हैं।

    उज्जैन में मेडिकल डिवाइसेस पार्क बनाने की तैयारी हो रही है।

    सरकार इंदौर को बल्क ड्रग और एपीआई विनिर्माण का केंद्र बनाने की योजना बना रही है।

    2 साल पहले हुई इनवेस्टर समिट के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी, कि 600-600 एकड़ के चार फार्मा पार्क विकसित किए जाएंगे, जिनमें 30-30 कंपनियां कारोबार कर सकेंगी।

    हैदराबाद की तर्ज पर आर एंड डी कंपनियां प्रदेश में स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर

    इंदौर का रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर मार्केट प्रदेश में सबसे बड़ा है।
    गोदरेज कंपनी ने 2024 की शुरुआत में 400 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
    बहुमंजिला स्टार्टअप पार्क और मल्टी-स्टोरी बिजनेस पार्क बनाए जा रहे हैं।
    सरकार बड़े कमर्शियल कॉम्प्लेक्स विकसित करने की तैयारी कर रही है।
    बेंगलुरु और हैदराबाद की तर्ज पर साइबर सिटी बनाने की योजना है।
    इंदौर के सुपर कॉरिडोर और इकोनॉमिक कॉरिडोर पर बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट तैयार किए जा रहे हैं।

लॉजिस्टिक हब

    इंदौर का लॉजिस्टिक व्यापार प्रतिदिन 100 करोड़ रुपये से अधिक का है।
    सरकार रेलवे टर्मिनल, कंटेनर यार्ड और कोल्ड स्टोरेज के साथ सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब बनाने की योजना बना रही है।
    1,100 करोड़ रुपये की लागत से मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण किया जा रहा है।
    इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन का काम तेज गति से चल रहा है, जिसकी मॉनिटरिंग पीएमओ कर रहा है।

ऑटोमोबाइल और ईवी हब

    इंदौर में वॉल्वो, आयशर, फोर्स मोटर्स, पिनेकल मोबिलिटी, न्यू होलैंड, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कमिंस सहित 500 से अधिक ऑटोमोबाइल कंपनियां हैं।
    सालाना 3 लाख से अधिक गाड़ियां बनाई जाती हैं, जिनमें कार, बस, ट्रक, दोपहिया और कमर्शियल वाहन शामिल हैं।
    सरकार का लक्ष्य है कि बड़ी दोपहिया और चार पहिया वाहन निर्माता कंपनियां अपने प्लांट इंदौर में शुरू करें।
    ईवी व्हीकल और रिमूवेबल बैटरी के बड़े प्लांट स्थापित करने की योजना है।
    टोयोटा को पीथमपुर में प्लांट लगाने का आमंत्रण दिया गया है।
    ईवी क्लस्टर विकसित करने की योजना पर काम हो रहा है।
    हाल ही में 600 करोड़ रुपये के निवेश के साथ पीथमपुर में एक बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी आई है।

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