अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में आरोपी क्रिश्चियन मिशेल को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत

admin
3 Min Read

नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले में छह साल से हिरासत में बंद ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को जमानत दे दी। मिशेल अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में कथित तौर पर बिचौलिया था। सीबीआई और ईडी 3600 करोड़ रुपये के 12 वीवीआई हेलीकॉप्टर्स की खरीद में उसकी भूमिका की जांच कर रही हैं। उसे दुबई से प्रत्यर्पित किए जाने के बाद दिसंबर 2018 में हिरासत में लिया गया था।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि जेम्स पिछले छह साल से हिरासत में है, जबकि मामले की जांच अभी भी जारी है। शीर्ष अदालत ने कहा कि जेम्स को निचली अदालत द्वारा तय शर्तों के अधीन जमानत पर रिहा किया जाएगा। जेम्स ने मामले में जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।

 सीबीआई और ईडी ने दर्ज किए हैं अलग-अलग मामले
अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के संबंध में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने दो अलग-अलग मामले दर्ज किये हैं। गौरतलब है कि 3,600 करोड़ रुपये का यह कथित घोटाला अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद से संबंधित है। क्रिश्चियन मिशेल जेम्स ब्रिटेन का निवासी है। उसे दिसंबर 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी जमानत याचिका
मिशेल जेम्स की जमानत याचिका 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। उसने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा था कि उसे इस आधार पर जमानत पर रिहा किया जाए कि वह मामलों में आधी सजा काट चुका है। इसके बाद 2024 में उसने दोबारा सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया था। इसके बाद दिसंबर 2024 में मिशेल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से जवाब मांगा था।

सर्जरी की व्यवस्था कराने के दिए थे निर्देश
12 जनवरी को दिल्ली की एक अदालत ने एम्स को अगस्ता वेस्टलैंड मामले में जेल में बंद ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल जेम्स के लिए हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की व्यवस्था करने का निर्देश दिया था। विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने मिशेल की याचिका पर यह आदेश दिया। याचिका में मिशेल ने दावा किया गया था कि उनकी टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी को टाला नहीं जा सकता था क्योंकि वह दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में अत्यधिक दर्द से पीड़ित हैं। 2018 में ब्रिटेन से प्रत्यर्पित किए गए मिशेल ने दावा किया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने सर्जरी की सलाह दी है।

TAGGED:
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *