पटना
मोकामा के बाहुबली अनंत सिंह को एमपीएमएल कोर्ट से राहत नहीं मिली है। पंचमहला में हुई गोलीबारी कांड में अनंत सिंह को अदालत से जमानत के लिए अभी और इंतजार करना होगा। अनंत सिंह की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान अदालत ने पटना पुलिस से केस डायरी मांगी है। अदालत से जमानत नहीं मिलने पर फिलहाल अनंत सिंह को जेल में ही रहना होगा। पूर्व विधायक अनंत सिंह के वकील सुनील कुमार ने नियमित जमानत अर्जी एमएमएलए कोर्ट में दायर की थी। अनंत सिंह पटना के बाढ़ व्यवहार न्यायालय में स्थित एक अदालत में आत्मसमर्पण करने के बाद 24 जनवरी 2025 से जेल में बंद हैं। बाढ़ से मामला स्थानांतरित होकर पटना की विशेष अदालत में आया था।
आपको बता दें कि 22 जनवरी की शाम मोकामा के नौरंगा में फायरिंग हुई थी। बताया जाता है कि इस फायरिंग के दौरान पूर्व विधायक अनंत सिंह के काफिले को निशाना बनाया गया था। अनंत सिंह पर फायरिंग का आरोप सोनू-मोनू और उनके समर्थकों पर लगा था। जवाब में अनंत सिंह के समर्थकों के तरफ से भी गोली चलाई चलाई थी। दावा किया जाता है कि उस दिन दोनों पक्षों के बीच 60-70 राउंड फायरिंग हुई थी। हालांकि, पुलिस ने कहा था कि घटना के दौरान 16-17 राउंड गोलियां चलाई गई थीं। इस गोलीबारी में पूर्व विधायक बाल-बाल बच गए थे लेकिन उनके एक समर्थक को गोली लगी थी।
बाद में इस मामले में पंचमहला थाने में अनंत सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया था। इसके अलावा सोनू-मोनू और उसके समर्थकों पर भी केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने अनंत सिंह पर आर्म्स ऐक्ट, हत्या के प्रयास समेत कुछ अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। 24 जनवरी को अनंत सिंह ने सरेंडर किया था। जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया था और तब से वो बेऊर जेल में बंद हैं।
पुलिस ने बरामद किए थे खोखे
पुलिस के मुताबिक, सोनू-मोनू गिरोह ने शुक्रवार को मोकामा के पंचमहल थाना क्षेत्र के हमजा गांव के निवासी और गिरोह के पूर्व सहयोगी को भी निशाना बनाया था। मुकेश सिंह ने अनंत सिंह से कथित तौर पर मदद मांगी थी। घटनास्थल से खोखे बरामद किए गए थे। गोलीबारी मुकेश सिंह के घर के सामने हुई थी।
अनंत सिंह की पत्नी हैं विधायक
छोटे सरकार’ के नाम से मशहूर अनंत सिंह एक बाहुबली नेता हैं, जिन्होंने बिहार की मोकामा विधानसभा सीट का कई बार प्रतिनिधित्व किया है। उनकी पत्नी और मोकामा की मौजूदा विधायक नीलम देवी हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) छोड़ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) में शामिल हो गई थीं।