बिहार-मुख्यमंत्री नीतीश ने की पूर्णिया की योजनाओं की समीक्षा, ‘जर्जर सड़कों और अस्पतालों की समस्या ख़त्म की’

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पटना.

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के तीसरे चरण में पूर्णिया जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में समाहरणालय परिसर में नवनिर्मित महानंदा सभागार में समीक्षात्मक बैठक की। समीक्षात्मक बैठक में पूर्णिया के जिलाधिकारी श्री कुंदन कुमार ने जिले के विकास कार्यों का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कहा कि अस्पतालों में इलाज का इंतजाम नहीं था, सड़कें जर्जर थीं। शिक्षा की हालत ठीकनहीं थी। सड़कों का काफी अभाव था। अस्पतालों में मरीजों को दवा नहीं मिलती थी। जबहम सांसद और केंद्र में मंत्री थे तो सड़कों की स्थिति खराब होने के कारण मुझे अपने क्षेत्र मेंकाफी पैदल घूमना पड़ता था। जब बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का मौकादिया, तब से बिहार की स्थिति बदली है। हर क्षेत्र में विकास के काम किए जा रहे हैं। बिहारमें अब डर और भय का माहौल खत्म हो गया है। शांति एवं भाईचारा का वातावरण कायमहै। बिहार में पहले बिजली की स्थिति काफी दयनीय थी। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली न केबराबर रहती थी। राजधानी पटना में भी 8 घंटे से अधिक बिजली की आपूर्ति नहीं होती थी।वर्ष 2006 से हमलोगों ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम शुरू कराया। अब तक 8 हजार सेअधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है और शेष बचे कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई जारही है। हमलोगों ने देखा कि मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटनाएं हो रही हैं, इसे देखते हुएपुराने मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का निर्णय लिया ताकि मंदिरों में चोरी की घटनाएं नहो। हमलोगों ने कोई काम नहीं छोड़ा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे बिहार में विकास का काम हमलोग करा रहे हैं। बिहार काकोई भी इलाका विकास से अछूता नहीं है। हमलोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलियाके निर्माण का काम बड़े पैमाने पर कराया है, जिसके कारण बिहार के किसी भी कोने सेपहले 6 घंटे में लोग पटना पहुंचते थे, अब उसे घटाकर 5 घंटे किया गया है। इसके लिए हरप्रकार से काम किया जा रहा है। बिहार में बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की बहाली कीगई है। स्कूल भवनों का निर्माण कराकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास किया गयाहै। बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षकों की भी बहाली की जा रही है। इसके साथ ही नियोजित शिक्षकों को परीक्षा के माध्यम से सरकारी मान्यता प्रदान की जा रही है। मदरसों को भीसरकारी मान्यता प्रदान की गई और वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों को सरकारी शिक्षक के अनुरूपवेतन दिया जा रहा है।

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