सागर में पूर्व विधायक के यहां 150 करोड़ की टैक्स चोरी का संदेह, सात विदेशी कारों के साथ 14 किलो सोना मिला

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सागर/भोपाल

सागर में बीड़ी व कंस्ट्रक्शन कारोबारी राजेश केसरवानी, पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता हरवंश सिंह राठौर व राकेश छाबड़ा के यहां आयकर विभाग की छापेमारी में लगभग 150 करोड़ रुपये की आयकर चोरी का संदेह है। उधर छापे में 14 किलो सोना मिलने की बात भी सामने आ रही है।

विभाग तीनों जगह से लिए गए दस्तावेजों की जांच कर रहा है। इसके बाद पूरी स्थिति साफ होगी। बता दें, तीनों जगह आयकर की टीम ने रविवार सुबह छापा मारा था। दो दिन तक टीम तलाशी में लगी रही।

सात विदेशी कारें भी मिलीं
आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया के राजेश केसरवानी के यहां लगभग 140 करोड़ रुपये टैक्स चोरी के दस्तावेज मिले हैं। इसके अतिरिक्त सात विदेशी कारें मिली हैं। बताया जा रहा है कि इन गाड़ियों का उपयोग केसरवानी परिवार कर रहा था, पर किसी और के नाम से।

संपत्ति का असली मालिक कौन
छापे में बेनामी संपत्ति के दस्तावेज भी मिले हैं, जिनकी जांच आयकर विभाग कर रहा है। इसके बाद जिनके नाम संपत्ति मिलेगी, उनसे पूछताछ कर पता किया जाएगा कि संपत्ति का असली मालिक कौन है? बता दें, हरवंश सिंह राठौर सागर जिले की बंडा विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं। वह सागर से भाजपा जिला अध्यक्ष की दौड़ में भी हैं।

रविवार को पड़ा था छापा
गौरतलब है कि बंडा के पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर, पूर्व पार्षद राजेश केशरवानी, एक प्रापर्टी डीलर राकेश छावड़ा के घर पर रविवार की सुबह अचानक से आयकर विभाग की टीमों ने दबिश दी थी। सौ से अधिक अधिकारियों की टीम ने तीनों स्थानों पर एक साथ छापा मारा था।

सर्वे की कार्रवाई पूरी हुई
मंगलवार को सुबह 11.30 बजे दो स्थानों पर सर्वे पूरा हुआ। वहीं शाम तक पूर्व पार्षद राजेश केशरवानी के यहां भी सर्वे की कार्रवाई पूरी हुई। गौरतलब है कि सदर क्षेत्र में पूर्व विधायक राठौर का बंगला है। वहीं पूर्व पार्षद राजेश केशरवानी व एक अन्य कारोबारी राकेश छावड़ा का निवास परकोटा पर वन वे पर है।

तीन से से खड़ी थी आयकर विभाग की गाड़‍ियां
पूर्व पार्षद के घर के सामने ही तीन दिन से आयकर विभाग के अधिकारियों की आधा दर्जन से गाड़ियां खड़ी थीं। इससे आवागमन में दिक्कत हो रही थी। केशरवानी के निवास के बाहर सुरक्षाबल तैनात था। वहीं घर के बार आधी सड़क तक वाहन रखे होने से बार-बार जाम की स्थिति बन रही थी। केशरवानी बीड़ी कारोबार के साथ साहूकारी का भी धंधा भी करते हैं।

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