बिहार-मुजफ्फरपुर में खुशी अपहरण कांड में CBI दो साल बाद भी खाली हाथ, पिता ने कहा–अब थक चुका हूं

admin
4 Min Read

मुजफ्फरपुर।

मुजफ्फरपुर जिले के चर्चित खुशी कुमारी अपहरण कांड में सीबीआई की जांच को दो साल पूरे हो गए हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र से गायब हुई पांच वर्षीय मासूम के मामले में सीबीआई की लगातार पूछताछ और प्रयासों के बावजूद बच्ची का पता नहीं चल सका है।

पिता राजन साह ने उम्मीद जताई थी कि सीबीआई जांच से उनकी बेटी लौट आएगी, लेकिन अब वे मायूस और थके हुए नजर आते हैं। जानकारी के मुताबिक, 16 फरवरी 2021 की रात खुशी कुमारी अपने घर के पास खेल रही थी, तभी वह अचानक गायब हो गई। अगले दिन 17 फरवरी को पिता राजन साह ने ब्रह्मपुरा थाने में अपहरण की आशंका जताते हुए एफआईआर दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच में स्थानीय पुलिस पर शिथिलता और लापरवाही के आरोप लगे, जिसके बाद मामला सीबीआई को सौंपा गया।

दो साल सीबीआई जांच के बाद भी सुराग नदारद
सीबीआई ने 20 दिसंबर 2022 से मामले की जांच शुरू की। इन दो वर्षों में सीबीआई ने कई संदिग्धों से पूछताछ की, जिनमें वे लोग भी शामिल थे जिनसे पहले पुलिस ने सवाल किए थे। अधिकारियों ने मोबाइल डाटा रिकवर करने और पॉलीग्राफी परीक्षण तक का सहारा लिया, लेकिन अब तक कोई निर्णायक लीड सामने नहीं आई है।

संदिग्धों और आरोपितों पर फोकस
सीबीआई ने स्थानीय निवासी अमन कुमार और उसके कुछ साथियों को शक के घेरे में रखा है। अमन का मोबाइल पुलिस को सौंपा गया था और उसके डिलीट किए गए डाटा को रिकवर करने की कोशिशें जारी हैं। साथ ही लक्ष्मी चौक के दुकानदारों और अन्य संदिग्धों को भी पटना बुलाकर पूछताछ की गई। इनमें से कुछ से दो-दो बार पूछताछ की गई, लेकिन कोई महत्वपूर्ण जानकारी हासिल नहीं हो सकी।

पिता ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका
मामले में प्रगति न होने से हताश होकर पिता राजन साह ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की। उन्होंने सीबीआई पर सवाल उठाए कि इतने प्रयासों के बावजूद बच्ची का पता क्यों नहीं चल सका। जनवरी 2024 में इस याचिका पर सुनवाई होने की संभावना है।

पुलिस की शिथिलता बनी शुरुआती बाधा
खुशी के परिवार का कहना है कि पुलिस की शुरुआती जांच में हुई देरी ने आरोपियों को बचने का मौका दे दिया। पुलिस ने समय रहते मामले को गंभीरता से नहीं लिया, जिससे अपराधियों को सबूत मिटाने का मौका मिला। बाद में सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ली, लेकिन अब तक वह भी कोई सफलता नहीं पा सकी।

परिवार में मायूसी, उम्मीदों का अंत
खुशी के पिता ने कहा कि मैंने सोचा था कि सीबीआई हमारी बेटी को ढूंढ लेगी, लेकिन अब दो साल हो गए और कोई सुराग नहीं मिला। मैं अब थक चुका हूं। वहीं, सीबीआई ने आश्वासन दिया है कि वे मामले की जांच जारी रखेंगे और हर संभव प्रयास करेंगे। मोबाइल डाटा रिकवरी और अन्य तकनीकी पहलुओं पर काम किया जा रहा है। वहीं, खुशी के परिवार को अब भी न्याय की आस है, हालांकि उनकी उम्मीदें धीरे-धीरे टूटती जा रही हैं।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *