सौरभ शर्मा के ऑफिस में ED को क्या मिला, नोट गिनने की मशीन, दर्जनों क्रेडिट कार्ड…

admin
7 Min Read

भोपाल

परिवहन विभाग के धनकुबेर पूर्व आरक्षक (Former RTO Constable) सौरभ शर्मा (Saurabh Sharma) और उसके सहयोगी चेतन गौर (Chetan Gour) पर अब ईडी (ED) का भी शिकंजा कसना शुरू हो गया है. इनकी काली कमाई (Black Money) से जुड़े साक्ष्य तलाशने ईडी ने प्रदेश के अलग अलग इलाको में इनसे जुड़े ठिकानों पर एक साथ रेड की थी. ग्वालियर में सौरभ और चेतन के घरों पर लगभग साढ़े तेरह घण्टे तक जांच पड़ताल चली. बताया जा रहा है कि पुलिस इन दोनों जगहों से एक सेल डीड और एक डायरी जब्त करके ले गई है.  प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम गुरुवार को ही ग्वालियर पहुंच गई थी.
ऐसे हुई कार्रवाई

ED ने गुप्त ढंग से यहां ऑपरेशन की योजना बनाई थी, उसने स्थानीय टैक्सी का सहारा लेकर पर्यटक बनकर पहले शहर में भ्रमण किया. शुक्रवार को सुबह 5 बजे टीम सौरभ शर्मा के विनय नगर सेक्टर दो में  शब्द प्रताप आश्रम स्थित घर पहुंची. यहां देर रात तक लगभग 13.30 घंटे तक सर्चिग चली, जिसमें मकान की रजिस्ट्री से संबंधित सेल डीड, एक डायरी और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए। इसके बाद टीम वहां से रवाना हो गई.

सौरभ के किस ठिकाने से क्या मिला…

1. ई- 7/98, अरेरा कॉलोनी: इस मकान में सौरभ परिवार के साथ 2 साल से रह रहा है। सूत्रों का कहना है कि ये मकान रोहित तिवारी ने खरीदा था। सौरभ को उसने 50 हजार रुपए महीने किराए पर ये मकान दिया है। लोकायुक्त की टीम ने इस घर पर छापा मारा था। क्या मिला- यहां से प्रॉपर्टी में निवेश के दस्तावेज और नकदी मिली है।

2. ई- 7/78, अरेरा कॉलोनी: सौरभ ने ये बंगला 2 महीने पहले ही खरीदा है। बताया जा रहा है कि ये बंगला बहुत दिनों से खाली था। यहां लोकायुक्त की टीम ने छापा नहीं मारा, लेकिन दो दिन पहले यहां पुलिस देखी गई है। ये भी पता चला कि इस घर की निगरानी के लिए पुलिस ने एक दूसरे मकान पर सीसीटीवी लगाया था। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि किसी ने नहीं की। क्या मिला- ये मकान खाली था। यहां पर सर्चिंग के दौरान कुछ खास नहीं मिल पाया है।

3. ई- 7/ 657, अरेरा कॉलोनी: इस बंगले में सौरभ ने जयपुरिया स्कूल का ऑफिस बनाया हुआ था। इसमें ही उसका दोस्त चेतन सिंह गौर रहता था। लोकायुक्त को इसी मकान से 2 क्विंटल से ज्यादा चांदी की सिल्लियां मिली हैं। क्या मिला- जयपुरिया स्कूल में निवेश के कुछ दस्तावेज मिले हैं। खाली बैग मिले, जिन्हें नकदी के लिए इस्तेमाल किया जाता था।

4. ई- 8/ 98, रेलवे कॉलोनी: इस मकान में शरद जायसवाल रहता है। शरद कंस्ट्रक्शन कंपनी अविरल में डायरेक्टर भी हैं। बताया जा रहा है कि शरद ने सौरभ के निवेश से जुड़ी अहम जानकारी ईडी को दी है। क्या मिला- प्रॉपर्टी में निवेश के दस्तावेज

सौरभ की मां का लॉकर फ्रीज कराया सौरभ शर्मा के विनय नगर स्थित आवास से ईडी की टीम को उसकी मां उमा शर्मा के साथ जॉइंट अकाउंट के दस्तावेज मिले हैं। जो यूनियन बैंक के हैं। उमा शर्मा के नाम शब्द प्रताप आश्रम स्थित यूनियन बैंक में एक लॉकर भी मिला है। जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग के पैसे आने जाने की आशंका पर उसे फ्रीज कराया गया है। हाईवे पर हाल ही में एक जमीन बेचे जाने के भी कुछ दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा कई सारे रिकॉर्ड जमा किए गए हैं, जिनको आगे जांच में लिया जा सकता है।

इसके अलावा ग्वालियर में सौरभ शर्मा के सिटी सेंटर स्थित घर और जबलपुर में उसकी ससुराल के मकान में भी ईडी ने दिन भर सर्चिंग की। यहां से भी कुछ अहम दस्तावेज और बैंक ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली है।

ईडी की एक अन्य टीम ने  सौरभ के दोस्त और पार्टनर चेतन गौर के कम्पू स्थित आवास पर छापा मारा. इस घर मे भी कोई मौजूद नहीं था. बताया गया कि ईडी ने चेतन के घर से कई दस्तावेज जब्त किये. चेतन के घर पर टीम ने तलाशी के बाद कुछ फाइलें भी जब्त कीं, जो सरकारी ठेकों से जुड़ी बताई जा रही हैं. बताया गया है चेतन ने सौरभ के काम में रिश्तेदारों का पैसा निवेश किया था, इसकी फाइलों की पड़ताल के लिए टीम यहां आई थी. चेतन ने 3 गाड़ियां भी दी हुई थीं, जिसके बदले में उसे हर महीने 2.50 लाख रुपये मिलते थे.

बताया गया कि ईडी टीम (ED Team) ने सौरभ के विनय नगर स्थित घर मे काफी बारीकी से जांच पड़ताल की. उन्होंने फर्नीचर व जमीन को भी ठोक कर देखा. ईडी ने सौरभ के घर पर रखे फर्नीचर को भी अच्छी तरह से चेक करने के साथ ही फर्श  को भी कई बार ठोक कर देखा. वह यह देखना चाहती थी इनमें कुछ छिपा तो नहीं है. इसके साथ ही घर मे कार्यरत संग्राम नामक एक कर्मचारी से भी पूछताछ की. पता ये भी चला कि सौरभ ने कुछ समय पहले दुबई में अपनी पत्नी दिव्या के साथ अपने बेटे का जन्मदिन भी मनाया था. जांच में यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि सौरभ के कई रिश्तेदार भी दुबई में रहते हैं.

सौरभ के घर से जांच टीम रात लगभग साढ़े सात बजे निकली और सीधे गाड़ियों में सवार हो गई. इस टीम में एक पुरुष और एक महिला मुंह ढंके हुए निकले जो पूरी कार्रवाई के दौरान टीम के साथ रहे. इन दोनों को लेकर दिन भर चर्चा रही. हालांकि बताया गया कि यह दोनो स्वतंत्र साक्ष्य के रूप में लाये गए थे, जो एक राष्ट्रीय बैंक के एक मैनेजर और एक फील्ड ऑफीसर थे. टीम घरों से निकलकर सीधे अपने गंतव्य पर रवाना हो गई. शहर में नहीं रुकी.

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *