दिल्ली में पटाखों पर पूरी तरह बैन, 2025 में पूरे सालभर पटाखे नहीं फोड़ पाएंगे दिल्लीवासी

admin
4 Min Read

नई दिल्ली
 सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की तरह ही यूपी और हरियाणा को पटाखे पर पूर्ण बैन लगाने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएस ओका की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि पटाखे पर बैन तभी प्रभावी हो सकेगा, जब एनसीआर राज्यों में भी इसी तरह का बैन लागू किया जाए। कोर्ट में दिल्ली सरकार की ओर से बताया गया कि पटाखे पर पूरे साल के लिए बैन किया है।

कोर्ट ने कहा कि एनसीआर इलाके में आने वाले राजस्थान के हिस्से में भी इसी तरह का बैन होना चाहिए। हम फिलहाल उत्तर प्रदेश और हरियाणा को निर्देश देते हैं कि दिल्ली द्वारा 19 दिसंबर, 2024 को लगाए गए प्रतिबंध की तरह वे भी प्रतिबंध लागू करें। कोर्ट में एमसी मेहता की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान उक्त आदेश पारित किया। जस्टिस ओका की अगुवाई वाली बेंच दिल्ली और एनसीआर में एयर पल्यूशन से निपटने के उपाय को लेकर सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान पटाखों पर साल भर के लिए बैन, जीआरएपी और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के अमल को लेकर विचार हुआ।

दिल्ली सरकार का क्या पक्ष?

दिल्ली सरकार की ओर से सीनियर वकील शादान फरासत ने अदालत को बताया कि दिल्ली में पटाखों के निर्माण, स्टोरेज और बिक्री के साथ वितरण और उपयोग पर व्यापक बैन लगाया गया है। लेकिन ये उपाय तभी प्रभावी हो सकेंगे, जब एनसीआर राज्य भी ऐसे बैन लगाएं। क्योंकि इन राज्यों से पटाखे दिल्ली में लाए जा सकते हैं। अदालत को बताया गया कि राजस्थान के एनसीआर इलाकों में पटाखों पर पूर्ण बैन लगाया गया है।

साथ ही, हरियाणा में ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है। अदालत ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 5 के तहत शक्तियों का उपयोग करते हुए, दिल्ली सरकार ने एनसीटी दिल्ली में सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री, ऑनलाइन मार्केटिंग प्लैटफॉर्म के माध्यम से डिलिवरी और फोड़ने पर तत्काल प्रभाव से पूरे वर्ष के लिए पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। अदालत ने कहा कि एक बार के लिए हम सुझाव देते हैं कि दिल्ली मॉडल का पालन किया जाए। मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी 2025 को होगी, जिसमें पटाखों के प्रतिबंध पर अतिरिक्त निर्देशों पर विचार किया जाएगा।

क्या है मामला

सुप्रीम कोर्ट ने पहले दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध लागू करने में कमी पर चिंता व्यक्त की थी। 12 दिसंबर को कोर्ट ने दिल्ली सरकार और एनसीआर राज्यों को पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री, वितरण, और उपयोग पर पूरे वर्ष के लिए प्रतिबंध लगाने का निर्णय लेने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने जोर देकर कहा था कि यह प्रतिबंध वायु और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक है। पहले कोर्ट ने यह भी कहा था कि कोई भी धर्म प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों को बढ़ावा नहीं देता और नागरिकों के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वच्छ पर्यावरण के अधिकार को ध्यान में रखते हुए प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने का आह्वान किया था।

TAGGED:
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *