इंदौर : बाघ का कुनबा सेहतमंद रहे इसलिए चिड़ियाघर प्रबंधन उनकी वंशावली में बदलाव करने जा रही

admin
3 Min Read

इंदौर

 इंदौर शहर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के बाघ का कुनबा सेहतमंद रहे इसलिए अब चिड़ियाघर प्रबंधन उनकी वंशावली में बदलाव करने जा रहा है। इसके लिए गोरेगांव चिड़ियाघर (महाराष्ट्र) से विशेष एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत बाघ के जोड़े के बदले बाघ का ही एक जोड़ा लिया जाएगा।

अलग-अलग ब्लड लाइन के बाघों की ब्रीडिंग से जन्म लेने वाले शावकों में प्रतिरोधी क्षमता अधिक होने के साथ ही अनुवांशिक बीमारियों से भी निजात मिलेगी। इससे बाघ अपनी 15-16 वर्ष की औसत आयु को अधिक बेहतर तरीके से व्यतीत कर पाएंगे।

जिन प्राणियों की संख्या ज्यादा होती है, उन्हें भेजा जाता है

हर बार यहां से उस प्रजाति के वन्य प्राणियों को अन्य स्थानों पर भेजा जाता है, जिनकी संख्या अधिक होती है। बदले में दूसरी प्रजाति के जानवर लाए जाते हैं, जिनकी संख्या यहां कम या नहीं होती है। इस बार बाघ के बदले बाघ लाने के पीछे वजह यह है कि एक ही वंशावली में ब्रीडिंग पर अंकुश लगना है। इसके लिए सेंट्रल जू ऑफ अथारिटी को चिट्टी भी लिखी गई है।

इस कड़ी में 2025 में जू प्रबंधन पांच-छह प्रजातियों के अन्य वन्य प्राणियों को लाने का प्रयास करेगा। उल्लेखनीय है इंदौर के चिड़ियाघर से दूसरे राज्यों के चिड़ियाघर में एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत कई जानवर भेजे जाते हैं। बीते दिनों में शेर और बाघों के बच्चों ने जन्म लिया था, जिससे इन प्रजातियों का कुनबा बढ़ा। इसके बाद यहां पहुंचने वाले दर्शकों की संख्या भी बढ़ गई।

अच्छी देखरेख से बढ़ रहा शेर-बाघों का कुनबा

    शेरों और बाघों की अच्छी देखरेख से चिड़ियाघरों में इनका कुनबा बढ़ा है। इनकी बेहतरी के लिए समय-समय पर कदम उठाए जाते हैं। अब इनकी वंशावली में बदलाव की प्रक्रिया शुरू की गई है। रक्त रेखा (ब्लड लाइन) में बदलाव की कड़ी में पहले हम चीतल, सांभर लाए थे। साथ ही चंडीगढ़ से भी एक शेर लाया गया था। – डॉ. उत्तम यादव, प्रभारी, कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय

रक्त रेखा में बदलाव आवश्यक

    वन्य प्राणियों की अच्छी सेहत के लिए रक्त रेखा में बदलाव आवश्यक है। इससे जन्म लेने वाले वन्य प्राणियों की शारीरिक क्षमता में वृद्धि होती है। ऐसे में इनमें जैनेटिक बीमारियों का खतरा भी काफी हद तक कम होता है। इनकी अपनी औसत आयु से अधिक जीवन जीने की संभावना बढ़ती है। – डॉ. हेमंत मेहता, वेटरनरी हॉस्पिटल महू

 

TAGGED:
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *