उत्तरी भारत में प्रदुषण से बुरा हाल, लाहौर से दिल्ली तक धुंआ-धुंआ, फेफड़ों में घुलता जहर

admin
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नई दिल्ली
उत्तरी भारत में प्रदुषण से कितना बुरा हाल है, इसका अंदाजा नासा द्वारा जारी की गई एक तस्वीर से लगाया जा सकता है। खास बात यह है कि इस समस्या से अकेले भारत नहीं जूझ रहा है, बल्कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में स्थिति और भी गंभीर है। नासा की इस तस्वीर में दिल्ली से लेकर लाहौर तक धुएं और धुंध की एक मोटी चादर देखी जा सकती है। तस्वीर में दोनों शहरों को पिन के माध्यम से चिन्हित किया गया है। गौरतलब है कि भारत की राजधानी दिल्ली में हवा बेहद खराब है और लगातार वायु प्रदुषण गंभीर श्रेणी में बना हुआ है।

दिल्ली के एक्यूआई में मामूली सुधार
रविवार को दिल्ली का एक्यूआई कुछ सुधरकर सात दिनों बाद 350 से नीचे आया। इसके बावजूद वायु गुणवत्ता लगातार 12वें दिन भी 'बहुत खराब' श्रेणी में ही बनी रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक रविवार को दिल्ली का एक्यूआई 334 रिकॉर्ड किया गया। इस स्तर की हवा को 'बहुत खराब' श्रेणी में रखा जाता है। वहीं भारत की सीमा के पास पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित लाहौर में इस महीने वायु प्रदुषण ने रिकॉर्ड स्तर को छू लिया। लाहौर में करीब 14 मिलियन लोगों की आबादी रहती है और यहां कई फैक्ट्रियां हैं, जिससे यह दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार होता है। पिछले सप्ताह स्विस समूह IQAir द्वारा जारी रैंकिंग में लाहौर का एक्यूआई 1165 बताया गया था।

मुल्तान में एक्यूआई 2000 पार
गौरतलब है कि 50 या उससे कम का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) प्रदूषण के कम जोखिम के साथ अच्छा माना जाता है। प्रदूषण के खतरनाक स्तर के कारण पाकिस्तान में स्कूल बंद करने के भी आदेश जारी किए गए हैं। समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, लगभग 350 किलोमीटर दूर स्थित लाखों की आबादी वाले एक अन्य शहर मुल्तान में पिछले सप्ताह AQI का स्तर 2,000 को पार कर गया।

एहतियातह वहां पर पार्कों, चिड़ियाघरों, खेल के मैदानों, ऐतिहासिक स्मारकों, संग्रहालयों और मनोरंजन क्षेत्रों में प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले दो-स्ट्रोक इंजन वाले टुक-टुक और बिना फिल्टर के बारबेक्यू चलाने वाले रेस्तरां पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक स्मॉग वॉर रूम स्थापित किया गया है, जहां आठ विभागों के कर्मचारी खेत के कचरे को जलाने पर नियंत्रण करने और यातायात को प्रबंधित करने की दिशा में काम करते हैं।

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