राजधानी भोपाल में 230 जगह पर 350 प्रतिशत तक बढ़ेंगे प्रॉपर्टी के दाम, साल में दूसरी बार तय होगी कलेक्टर गाइडलाइन

admin
5 Min Read

भोपाल

मध्यप्रदेश सरकार ने रेवेन्यू ओरिएंटेड ड्राइव में प्रदेश की उन लोकेशंस पर जमीन और इमारतों के सरकारी दाम बढ़ाने का फैसला किया है, जहां फिलहाल ज्यादा रजिस्ट्रियां हो रही हैं। इन लोकेशंस को पहचानने का काम जिलों में कलेक्टर द्वारा करा लिया गया है।
 अगर आप राजधानी के झागरिया खुर्द, नीलबड़, रापड़िया, कटारा हिल्स जैसे इलाकों में मकान, दुकान या भूखंड लेना चाहते हैं तो आपको अपने बजट की ओर फिर से देखना पड़ सकता है। सरकार इन जैसे करीब 230 स्थानों पर संपत्ति की दर बढ़ा रही है। संपत्तियों की दर में यह वृद्धि पांच प्रतिशत से लेकर 350 प्रतिशत तक होनी है।

मूल्याकंन समिति की हुई बैठक
सोमवार को जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में पंजीयन विभाग ने शहर और उससे लगे कुछ ग्रामीण इलाकों के 243 स्थानों पर मूल्य वृद्धि का प्रस्ताव रखा। दक्षिण पश्चिम के विधायक भगवानदास सबनानी के विरोध की वजह से 13 स्थानों पर वृद्धि का प्रस्ताव वापस ले लिया गया। वहीं प्रस्तावित वृद्धि में पांच प्रतिशत की कमी करने की बात भी मानी गई। प्रस्तावों पर चर्चा के बाद शेष स्थानों पर पांच प्रतिशत से लेकर 350 प्रतिशत तक वृद्धि को मंजूरी दे दी गई। पंजीयन विभाग बुधवार को नया प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय मूल्यांकन समिति को भेजेगा। सरकार की मंजूरी मिलने के बाद नई गाइडलाइन के हिसाब से ही संपत्ति का पंजीयन होगा।

कहा जा रहा है कि इस प्रस्ताव पर अब कोई आपत्ति स्वीकार नहीं की जाएगी। बैठक में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह, विधायक भगवानदास सबनानी शामिल हुए। भोपाल के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब पंजीयन विभाग एक साल में दूसरी बार शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की प्रॉपर्टी के दामों में बढोतरी कर रहा है।

अप्रैल में बढ़े थे दाम
पिछले दिनों मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रत्येक तीन महीने में प्रॉपर्टी की कलेक्टर गाइडलाइन दर नये सिरे से तय करने को कहा था। इससे पहले अप्रैल 2024 में भोपाल जिले के 3900 स्थानों में से 1443 पर दाम बढ़ाए गए थे। कुल 7.19 प्रतिशत की औसत बढ़ोतरी की गई थी। शहर के 1228 स्थानों पर औसत 8.9 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र के 215 स्थानों पर 5.48 प्रतिशत बढ़ाए जाने का प्रस्ताव फाइनल हुआ था। यह संपत्तियों की वह दर है, जिस पर पंजीयन होता है और सरकार उसका शुल्क लेती है।
100 से अधिक स्थानों पर सबसे अधिक दाम
भोपाल में कुल 3883 स्थान हैं। इनमें शहर में 3091 और ग्रामीण में 792 स्थान शामिल हैं। 3641 स्थान में रेट नहीं बढ़ाए जाएंगे, जबकि अन्य स्थानों पर वृद्धि की जाएगी। इस बार नौ नए स्थानों को भी जोड़ा गया है। वहीं 100 से अधिक स्थान ऐसे हैं, जहां संपत्ति के दाम सबसे अधिक बढ़े हैं।

इन वजहों से बढ़ाई जा रही दरें
झागरिया खुर्द, नीलबड़ और कटारा हिल्स जैसे इलाकों में नया आधारभूत ढांचा खड़ा होने से विकास तेज हुआ है। इसकी वजह से ऐसे इलाकों में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। पिछले कुछ महीनों में इन इलाकों में संपत्तियों का पंजीयन बढ़ा है। कोलार में गोल गांव पर सिक्सलेन के कारण प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ी हैं। भानपुर कचरा खंती हटने के बाद अब अयोध्या बायपास इलाके में भी रजिस्ट्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है। सलैया क्षेत्र में तेजी से डेवलपमेंट हो रहा है। कोकता बायपास-बगरोदा व्यावसायिक, बैरागढ़ स्टेशन के पास, मिनाल, वैशाली नगर बड़वई सड़क से हटकर, बरखेड़ी कलां, चौपड़ाकलां, रातीबड़, बिशनखेड़ी, दामखेड़ा व मेंडोरी में भी रेट बढ़ाने का प्रस्ताव है। नर्मदापुरम रोड, मिसरोद, गुलमोहर, आकृति ईको सिटी, विद्यानगर, कान्हाकुंज, पुलिस हाउसिंग सोसायटी, वंदना नगर समेत कई इलाकों में भी इन्हीं वजहों से दरें बढ़ रही हैं।

आय बढ़ाने की कवायद
रियल एस्टेट बाजार में भोपाल के तेजी से विकसित होते ही कई इलाकों में जमीन की दर 2500 से 4000 रुपये प्रति वर्गफीट है, लेकिन इन्हीं इलाकों में कलेक्टर दर 200 रुपया प्रति वर्गफीट या उससे भी कम है। अब इन संपत्तियों की खरीद-बिक्री के पंजीयन के लिए सरकार जो स्टांप ड्यूटी लेती है, उसका निर्धारण इसी 200 रुपया वर्गफीट के हिसाब से होता है। ऐसे में सरकार को घाटा होता है। हर तीन महीने में दरों को बढ़ाकर सरकार आय बढ़ाना चाहती है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *