प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्‍मीर को लेकर सुरक्षा परिषद से हस्‍तक्षेप की गुहार लगाई

admin
4 Min Read

इस्‍लामाबाद
संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा की बैठक में हिस्‍सा लेने के लिए अमेरिका के न्‍यूयॉर्क शहर पहुंचे पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्‍मीर को लेकर सुरक्षा परिषद से हस्‍तक्षेप की गुहार लगाई है। पाकिस्‍तान के बार गिड़गिड़ाने के बाद भी संयुक्‍त राष्‍ट्र के कोई ऐक्शन नहीं लेने पर बौखलाए शहबाज शरीफ ने कहा है कि सुरक्षा परिषद जम्‍मू कश्‍मीर को लेकर चल रहे विवाद को अब ज्‍यादा अनदेखा नहीं कर सकती है। शहबाज ने दावा किया कि कश्‍मीर विवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है। शहबाज शरीफ का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पाकिस्‍तान कश्‍मीर मुद्दे को लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र में अकेला पड़ गया है।

इससे पहले तुर्की के राष्‍ट्रपति एर्दोगन ने भी कई साल बाद कश्‍मीर का मुद्दा संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा में दिए अपने वार्षिक भाषण में नहीं उठाकर अपने इस्‍लामिक भाई पाकिस्‍तान को झटका दे दिया था। शहबाज शरीफ ने सुरक्षा परिषद से यह भी आरोप लगाया कि भारत की ओर से कश्‍मीरी लोगों के मूलभूत अधिकारों का उल्‍लंघन किया जा रहा है। शहबाज ने सुरक्षा परिषद से मांग की कि वह इसे खत्‍म कराए। साथ ही संयुक्‍त राष्‍ट्र कश्‍मीर में आत्‍मनिर्णय कराने के अपने प्रस्‍तावों को लागू कराए। पाकिस्‍तानी पीएम यहीं पर नहीं रुके और उन्‍होंने संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेस से मुलाकात की और मांग की कि जम्‍मू कश्‍मीर में आत्‍मनिर्णय कराने के सुरक्षा परिषद के प्रस्‍तावों को लागू कराएं।

एर्दोगान के बयान पर फंसा पाक‍िस्‍तान

शहबाज शरीफ ने कश्‍मीर को लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव से बात की और भारत के खिलाफ जहर उगला। तुर्की के राष्‍ट्रपति के अपने भाषण में जम्‍मू कश्‍मीर का मुद्दा नहीं उठाने पर हो रही किरकिरी के बाद पाकिस्‍तान का विदेश मंत्रालय बचाव की मुद्रा में आ गया। उसने बताया कि शहबाज शरीफ ने तुर्की के जम्‍मू कश्‍मीर पर लगातार समर्थन देने के लिए उसकी सराहना की। शहबाज शरीफ ने एर्दोगान से मुलाकात भी की है। पाकिस्‍तानी विदेश मंत्रालय का दावा है कि एर्दोगान ने शहबाज शरीफ की आर्थिक नीतियों की तारीफ की है। इससे पहले तुर्की के राष्‍ट्रपति एर्दोगान ने पाकिस्‍तान को झटका देते हुए कश्‍मीर का जिक्र अपने वार्षिक भाषण में नहीं किया था।

एर्दोगान ने अपना पूरा फोकस सीरिया और गाजा युद्ध पर रखा। उन्‍होंने इजरायल पर जमकर निशाना साधा। एर्दोगान के इस रुख पर पाकिस्‍तान सरकार को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया जा रहा है। इसे पाकिस्‍तानी नीतियों की असफलता करार दिया जा रहा है। एर्दोगान खुद को मुस्लिम देशों का खलीफा बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। अक्‍सर वह कश्‍मीर का मुद्दा उठाते रहे हैं लेकिन अब माना जा रहा है कि ब्रिक्‍स की मजबूरी की वजह से उन्‍हें कश्‍मीर का मुद्दा भूलना पड़ा है। तुर्की ब्रिक्‍स का सदस्‍य बनना चाहता है लेकिन उसे इसके लिए भारत की सहमति लेनी होगी। भारत ब्रिक्‍स का संस्‍थापक देश है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *