प्रधान न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को जिला न्यायपालिका को ‘‘न्यायपालिका की रीढ़’’ बताया और कहा कि यह कानून का अहम घटक है। यहां ‘जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए CJI ने कहा कि यह जरूरी है कि जिला न्यायपालिका को अधीनस्थ कहना बंद किया जाए।
इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘न्याय की तलाश कर रहा कोई नागरिक सबसे पहले जिला न्यायपालिका से संपर्क करता है। जिला न्यायपालिका कानून का अहम घटक है।’’ उन्होंने कहा कि काम की गुणवत्ता और वे स्थितियां जिनमें न्यायपालिका नागरिकों को न्याय प्रदान करती है, यह निर्धारित करती है कि उन्हें न्यायिक प्रणाली पर भरोसा है या नहीं।
CJI ने कहा, ‘‘इसलिए जिला न्यायपालिका से बड़ी जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया जाता है और इसे ‘न्यायपालिका की रीढ़’ के रूप में वर्णित किया गया है। रीढ़ तंत्रिका तंत्र का अहम अंग है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कानूनी व्यवस्था की रीढ़ को बनाए रखने के लिए हमें जिला न्यायपालिका को अधीनस्थ न्यायपालिका कहना बंद करना होगा। आजादी के 75 साल बाद, अब समय आ गया है कि हम ब्रिटिश काल के एक और अवशेष -अधीनता की औपनिवेशिक मानसिकता- को दफना दें।’’
न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि 2023-24 में अदालती रिकॉर्ड के 46.48 करोड़ पृष्ठों को डिजिटल रूप दिया गया। उन्होंने कहा कि ई-कोर्ट परियोजना के तहत 3,500 से अधिक अदालत परिसरों और 22,000 से अधिक अदालत कक्षों का कम्प्यूटरीकरण भी किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘जिला न्यायपालिका ने दिन-प्रतिदिन के मामलों में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने में अहम भूमिका निभाई: देश में जिला अदालतों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 2.3 करोड़ मुकदमों पर सुनवाई की।’’