तो क्या बसपा सुप्रीमो मायावती सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने जा रही थी.. यह सवाल आज एक बार फिर इसलिए उठ खड़ा हुआ क्योंकि मायावती को यह बात ट्वीट करके क्लियर करनी पड़ी कि वह सियासत से कोई संन्यास लेने नहीं जा रही.. मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि वह सक्रिय राजनीति में एक्टिव रहेंगी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और कांशीराम की तरह वह अपनी आखिरी सांस तक बसपा मूवमेंट को आगे बढ़ाने के लिए जुटी रहेगी.. असल में उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में मायावती के द्वारा उनके भतीजे आकाश आनंद को बहुजन समाज पार्टी में एक्टिव किए जाने के बाद से यह अटकलें लग रही थी.. कि क्या मायावती अब अपने उत्तराधिकारी के तौर पर आकाश आनंद को देख रही हैं.. क्योंकि उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में उनको चुनाव की जिम्मेदारी दी गई थी.. लेकिन पिछले लोकसभा चावन में आकाश आनंद को डिमोशन किए जाने के बाद से इन अटकलें पर विराम लग गया.. आज मायावती ने ट्वीट करके इन बातों को फिर से कहा है सोमवार को किये मायावती के ट्वीट से यह बात इसलिए भी साफ समझी जा सकती है क्योंकि मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी की एक बड़ी बैठक लखनऊ में है.. जिसमें पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है बसपा मूवमेंट से जुड़े सभी कार्यकर्ताओं के दिलों -दिमाग में यह बात साफ तौर से बैठ जाए कि मायावती सक्रिय राजनीति से कहीं नहीं जा रही.. और वो 100% एक्टिव रहेंगी.. इसीलिए अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर भी उन्हीं के नाम पर मोहर लगने की उम्मीद है.. हालांकि उस बैठक में आकाश आनंद के कद और उनके कार्य भार को बढ़ाने पर भी चर्चा की जाएगी मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा
“बहुजनों के अम्बेडकरवादी कारवाँ को कमजोर करने की विरोधी पार्टियों की साजिशों को विफल करने के संकल्प के कारण ही परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व बहुजन नायक मान्यवर श्री कांशीराम जी की तरह ही अपनी ज़िन्दगी की आखिरी सांस तक बीएसपी पार्टी व इसके आत्म-सम्मान एवं स्वाभिमान मूवमेन्ट को समर्पित रहने का सुश्री मायावती जी का फैसला अटल अर्थात् इनका सक्रिय राजनीति से सन्यास लेने कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।
(2) जबसे श्री आकाश आनन्द को मेरे ना रहने पर या अस्वस्थ विकट हालात् में उसे बी.एस.पी. के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है, तबसे जातिवादी मीडिया, ऐसी फेक न्यूज प्रचारित कर रहा है, जबकि ऐसी अफवाहें षड्यन्त्र के तहत् केवल पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने के लिए होती हैं। जिससे लोग सावधान रहें।
(3) इतना ही नहीं बल्कि, इन्होंने इसी प्रकार की अफवाह पहले भी फैलाई /उड़ाई थी कि उन्हें (सुश्री मायावती जी) मा. राष्ट्रपति बनाया जाएगा, जबकि मान्यवर श्री कांशीराम जी ने ऐसे ही आफर को यह कहकर ठुकरा दिया था कि मा. राष्ट्रपति बनने का मतलब है सक्रिय राजनीति से सन्यास लेना, जो पार्टी हित में उन्हें कतई भी गवारा नहीं था तो फिर उनकी शिष्या होकर उन्हें यह स्वीकार करना कैसे संभव ? लोग ऐसे दुष्प्रचार आदि से जरूर सावधान रहें”
खैर मायावती अभी सियासत में एक्टिव हैं और वह लगातार बसपा से जुड़े फैसलों को ले रही हैं लेकिन अगले उत्तराधिकारी के तौर पर आकाश आनंद के नाम उनके काम करने के तौर तरीको से मायावती कितना इत्तेफाक रख पाती है यह तो आने वाला वक्त बताएगा..