हजारी प्रसाद द्विवेदी, अमृतलाल नागर एवं भगवतीचरण वर्मा स्मृति समारोह का आयोजन

लखनऊ: 22 अगस्त, 2024 : उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा हजारी प्रसाद द्विवेदी, अमृतलाल नागर एवं भगवतीचरण वर्मा के स्मृति समारोह के शुभ अवसर पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन आज हिन्दी भवन के निराला सभागार लखनऊ में किया गया। दीप प्रज्वलन, माँ सरस्वती की प्रतिमा एवं हजारी प्रसाद द्विवेदी, अमृतलाल नागर एवं भगवती चरण वर्मा के चित्र पर माल्यार्पण, पुष्पार्पण के उपरान्त वाणी वंदना सुश्री रत्ना शुक्ला द्वारा प्रस्तुत की गयी। पद्मश्री डॉ0 विद्याविन्दु सिंह ने कहा कि अमृतलाल नागर जी की 108 वीं जयन्ती के अवसर पर नागर जी के विशाल साहित्य का स्मरण किया। उनकी कृति ‘सुहाग के नुपुर‘ सांराश के माध्यम से भारतीय नारी के सुहाग चिह्न की उपयोगिता भी बताई। उन्होंने भारत में साइमन कमीशन के आगमन पर उनके द्वारा लिखी गई कविता की चर्चा करते हुए कहा कि नागर जी का नाम विशेष सर्जकों में हैं, जिन्होंने साहित्य की विरासत को आगे बढ़ाया और साहित्य से होते हुए वे रेडियों की दुनिया में भी आए। नागर जी लखनऊ के इतिहास के कुछ पन्नों पर अपनी लेखनी चलाई। तमिल महाकाव्य सिलप्पदिकारम् के आधार पर लिखा। उनका उपन्यास ‘सुहाग के नूपुर‘ पर चर्चा करते हुए। ’सुहाग के नूपुर’ को नागर जी की उत्कृष्ट कृति बताया।
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