नई दिल्ली: 19 अगस्त ‘तीन तलाक’ को अपराध बनाने वाले 2019 के कानून का बचाव करते हुए केंद्र ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि यह प्रथा विवाह की सामाजिक संस्था के लिए ‘‘घातक’’ है।
कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं के जवाब में दाखिल हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि शीर्ष अदालत द्वारा 2017 में इस प्रथा को खारिज करने के बावजूद, यह समुदाय के सदस्यों के बीच ‘‘इस प्रथा से तलाक की संख्या को कम करने में पर्याप्त निवारक के रूप में काम नहीं कर पाया है।’