गंभीर बीमारियों से पीड़ित प्रदेश के मरीजों के अभिभावक बने हैं सीएम योगी

13 अगस्त, लखनऊ। गंभीर बीमारियों से पीड़ित प्रदेश के मरीजों की चिंता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक अभिभावक तरह कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष ‘संजीवनी’ बन गया है। पश्चिमांचल से लेकर विध्यांचल तक अगर 10 जनपदों की बात की जाए तो कैंसर, हृदय रोग, किडनी प्रत्यारोपण, लीवर प्रत्यारोपण जैसी अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों की मदद के लिए सीएम योगी ने हमेशा हाथ बढ़ाया है। दसों जिलों के आंकड़ों को देखें तो एक तरह से सीएम योगी ने मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष को बीमारों के लिए समर्पित कर दिया है।

प्रदेश की कमान सम्हालने के बाद सीएम योगी एक अप्रैल 2017 से 13 अगस्त 2024 तक अंबेडकर नगर, अयोध्या, अलीगढ़, कानपुर शहर, गाजियाबाद, प्रयागराज, मीरजापुर, मुजफ्फर नगर, मुरादाबाद और मैनपुरी के गंभीर बीमारियों से पीड़ित 36,199 लोगों को उपचार के लिए 7,01,27,50,931 रुपए की मदद कर चुके हैं। यही वजह है कि सिर्फ इन 10 जिलों में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में आज गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के परिजनों को न तो दर-दर भटकना पड़ता है और न ही उन्हें उपचार के लिए किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ता है।

सीएम योगी की मंशा है कि पैसे के अभाव में प्रदेश का कोई गरीब उपचार से वंचित न रह जाए। यह बात वह जनता दर्शन, उच्च अधिकारियों के साथ बैठक समेत सभी सार्वजनिक मंचों से कहते रहते हैं। उनका कहना है कि सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। सरकार प्रदेश के जरूरतमंद और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की हर समस्या को समझती और उसके निराकरण के लिए दृढ़ संकल्पित है। उनके यह सिर्फ कथ्य ही नहीं तथ्य भी हैं, जो सरकार की तरफ से 10 जनपदों के जारी किए गए आंकड़ों में साफ दिखाई पड़ते हैं।

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