पेरिस ओलंपिक में 5 अगस्त का दिन भारतीय खेल प्रेमियों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा.. एक के बाद एक कई मेडल भारतीय खिलाड़ियों के हाथों से फिसल गए.. सोमवार को सबसे पहले शाम करीब 7:30 बजे लक्ष्य सेन अपनी लक्ष्य से भटक गए.. अभी तक शानदार खेल का पारिचय देते हुए सेन मेन्स सिंगल्स के ब्रॉन्ज मेडल मैच में हार गए.. हालांकी आज उनके खेल की शुरुआत शानदार रही थी और उन्होंने अपना पहला गेम
21-13 से अपने नाम किया लेकिन उसके बाद लय बिगड गई और वो अगले दो गेम 16-21, 11-21 से हार गए..
वहीं इससे पहले निशानेबाजी की स्कीट मिक्स्ड टीम को भी हार का सामना करना पड़ा.. इवेंट में भारत की महेश्वरी चौहान और अनंत जीत सिंह नरूका की जोड़ी महज़ 1 अंक के अंतर से ब्रॉन्ज मेडल से हाथ धो बैठी.. दोनों के ये ये सफर यहीं खत्म हो गया और भारत के लिए मेडल का सपना भी यहीं खत्म हुआ.. अगर महेश्वरी चौहान और अनंत जीत सिंह नरूका ब्रॉन्ज मेडल जीत जाते तो ये निशानेबाजी की स्कीट स्पर्धा में भारत का यह पहला ओलंपिक पदक होता और 52 साल बाद कोई खिलाड़ी इस स्पर्धा में मेडल जीत पाता..
पेरिस ओलंपिक में यह पांचवां मौका था , जब भारत के हाथ से पदक फिसले हों, इससे पहले शनिवार को भी 3 ऐसे मौके आए थे जब भारतीय खिलाड़ियों को हार का मुंह देखना पड़ा था
बतातें चले पेरिस ओलंपिक में भारत के पास अब तक केवल 3 ब्रॉन्ज मेडल आए हैं और तीनों ही पदक निशानेबाजी में आए हैं