गया.
अपने पितरों को मोक्ष दिलाने की कामना के साथ आने वाले पिंडदानियों के लिए गया जी सज धज कर तैयार हो गया है। पूर्वजों का पिंडदान करने के लिए बिहार के गयाजी आने वाले देश-विदेश के तीर्थ यात्रियों के स्वागत के लिए जिला प्रशासन इंतजार कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने भगवान विष्णु नगरी मोक्ष धाम गयाजी में आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए होटल, धर्मशाला, टेंट सिटी, निजी आवास, विद्यालय और कॉलेज में भी आवासन स्थल का व्यवस्था किया है। पितृ मुक्ति के महापर्व 17 सितंबर यानि मंगलवार से शुरू हो जाएगा। जो 2 अक्टूबर को समापन होगा।
डीएम डा. त्याग राजन एसएम ने बताया कि आज से शुरू होने वाले विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला का उद्घाटन बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा समेत कई मंत्री दोपहर साढ़े बारह बजे उद्घाटन करेंगे। उन्होंने बताया कि बीते साल से इस बार पिंडदानियों की सुविधाओं के लिए अधिक व्यवस्था की गई है। आवासन, रौशनी, सफाई, स्वास्थ्य समेत सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। देश-दुनिया से आने वाले तीर्थयात्रियों गयाजी से बेहतर संदेश लेकर जाएंगे।
जिला प्रशासन ने की है ऐसी व्यवस्था
डीएम ने बताया कि पितृपक्ष मेला को लेकर बिहार सरकार के निर्देश पर व्यापक तैयारी की गई है। तिथि विशेष के दिन संबंधित पिंडवेदियों धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ होती है। वैसे जगह पर विशेष रूप से व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक दृष्टिकोण से विश्व कार्य समिति का गठन किया गया है। पूरा मेला क्षेत्र में 45 जोन में विभक्त कर 339 सेक्टर में बांटते हुए पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी को प्रतिनियुक्ति किया गया है। उन्होंने कहा कि पितृपक्ष मेला के मौके पर तीर्थ यात्रियों का आवासन के लिए जिला प्रशासन की ओर से सरकारी 60 आवासन स्थल पर 18 हजार 60 लोग रखने की क्षमता है। उन्होंने बताया कि इस साल पहली बार आवसान स्थलों पर 10 सुपरमार्केट के साथ टैगिंग किया गया है। ताकि आवश्यक सामान का आसानी से खरीदारी हो, सुधा दूध के साथ बच्चों के लिए दूध के लिए ट्रैकिंग किया गया।
प्रतिदिन दस हजार पिंडानियों को मिलेगा गंगाजल
डीएम ने बताया कि इस वर्ष पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा पितृपक्ष मेला के अवसर पर गया जी आए पिंडदानियों को गंगाजल पैकेजिंग कराकर उन्हें उपहार के रूप में दिया जाएगा। हर दिन 10 हजार से अधिक पिंडदानियों को गंगाजल का पैकेट उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि पहली बार तीर्थयात्रियों को गंगाजल पीने का अवसर मिलेगा। पेयजल के लिए 90 स्थलों में 339 चापाकल, 35 पियाऊ, 607 नल के माध्यम से उपलब्ध होगा।
सफाई पर है जिला प्रशासन की विशेष नजर
डीएम डॉ त्याग राजन ने बताया कि पितृपक्ष मेला के अवसर पर घाट, मंदिर, वेदी, तालाब, अवसान स्थल एवं पूरे शहर की साफ सफाई एक प्रमुख अंग है। संपूर्ण शहर को 5 जोन में 62 सेक्टर में बांट कर आउटसोर्सिंग के माध्यम से किया जाएगा। पिंडदान की सामग्री एवं अन्य कचरा को बायो कंपोस्ट प्लांट के माध्यम से कंपोस्ट बनाया जाएगा। मेला क्षेत्र में कुल 9 वार्डों की सफाई 1350 सफाई कर्मियों के माध्यम से की जाएगी।
इन जगहों पर होगी स्वास्थ्य की व्यवस्था
उन्होंने बताया कि मेला के मौके पर 121 चिकित्सा, 218 पैरामेडिकल स्टाफ के माध्यम से 102 स्वास्थ्य शिविर का स्थापना विभिन्न स्थानों पर किया गया है। 5 टीम के माध्यम से खाद्य पदार्थों की जांच की जा रही है। गया के प्रमुख अस्पतालों में 70 बेड है। कोरला अस्पताल में 20 बेड, मगध मेडिकल में 20 बेड, प्रभावती अस्पताल में 10 बेड, जयप्रकाश नारायण अस्पताल में 10 बेड, एम्स में पांच बेड और शुभकामनाएं अस्पताल में पांच बेड में समेत अन्य अस्पतालों में भी व्यवस्था की गई है।
ऐसा होगी यातायात और परिवहन व्यवस्था
डीएम ने बताया कि तीर्थ यात्रियों के सुविधा के लिए ऑटो रिक्शा, ई रिक्शा, रिंग बस एवं प्रीपेड निजी टैक्सी का किराया निर्धारित कर दी गई है। जिससे महत्वपूर्ण स्थलों पर प्रदर्शित किया गया है। तीर्थयात्रियों के लिए 11 वाहन पड़ाव स्थल चयन किया है। साथ ही वृद्ध और दिव्यांगो के लिए निशुल्क 100 ई रिक्शा का परिचालन कराया जाएगा।
सुरक्षा का होगा पुख्ता इंतजाम
वहीं सीनियर एसपी आशीष भारती ने बताया कि इस बार पांच हजार पुलिस बलों की तैनाती की गई है। विष्णुपद मंदिर के समीप अस्थाई थाना बनाया गया है। इसके अलावे बाइक सवार पुलिस बल मेला क्षेत्रों में भ्रमण करेंगे। जगह जगह वाच टावर, सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन और पहली बार घोड़सवार पुलिस बल की तैनाती की गई है।
सूचना उपलब्ध कराने के लिए बनाए गए है एप
घर बैठे पितृपक्ष मेला के संबंध में सभी तरह की सूचना उपलब्ध हो सके, इसके लिए जिला प्रशासन ने Pinddaan www.pinddaangaya.bihar.gov.in Website का संचालन किया जा रहा है। साथ ही Pinddaan Gaya Mobile App की सुविधा दी जा रही है। जिसमें आवासन, स्वास्थ शिविर, पुलिस शिविर, बस पड़ाव, वेदी घाट, सरोवर, बैंक एटीएम, पेट्रोल पंप आदि से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई गई है। पूर्व भारत की भांति इस वर्ष भी Interactive Response System के माध्यम से कॉल सेंटर की स्थापना की गई है। जिसमें तीर्थ यात्री समस्या या शिकायत के लिए डेडिकेट नंबर 9266628168 जारी की गई है। जिस पर कॉल कर सीधे संबंधित पदाधिकारी के साथ वार्ता कर अपनी समस्या का निराकरण कर सकेंगे। इसके लिए आठ विभागों का 16 पदाधिकारी का डेडीकेटेड टीम बनाई गई है। जिन्हें प्रशिक्षित किया गया है।