जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कि तारीखों के एलान के बाद से राजनीतिक गलिहारों में सरगरमियां बढ़ती दिखा रही है..10 सालों बाद हो रहे विधानसभा चुनावों ने जम्मू कश्मीर कि पूरी सूरत ही बदल कर रह दी है.. साल 2014 में वहां अखिरी बार चुनाव हुआ था.. कहीं गठबंधन की दरकार है तो कहीं अकेले ही हुंकार भरने की तैयार चल रही है. यहां आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुआ था. तब से अब तक दस साल के दरमियान काफी कुछ बदल गया है. खासतौर पर धारा 370 और 35-ए के निरस्त किए जाने के बाद से माहौल काफी बदला है.
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35-ए के निरस्त किए जाने के बाद यहां हालात काफी बदले हैं. चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव की तारीखें भी घोषित कर दी हैं. इसके बाद से देखा जा रहा है कि सभी पार्टियां अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए या तो गठबंधन या फिर अकेले ही हुंकार भरने की तैयारियों में जुटी है.. चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू कश्मीर में पहले चरण का मतदान 18 सितंबर, दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर और तीसरे चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होगा..जबकि वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी..
इनसब के बीच कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच विधानसभा चुनावों के लेकर हुए गठबंधन के बाद से बीजेपी इन दोनों पर हमलावर दिख रही है.. केंद्रीय गृहमंत्री के बाद आज उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी दोनों दलों के गठबंधन पर तीखे हमले किये.. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वीडियो जारी करते हुए कहा कि चुनाव से पहले यह गठबंधन राष्ट्रीय सुरक्षा के गंभीर सवाल खड़े करता है.. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी से पूछा कि क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर के लिए फिर से अलग झंडे की घोषणा का समर्थन करेगी? क्या कांग्रेस धारा 370 और अनुच्छेद 35A की बहाली के जरिए जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के दौर में धकेलने चाहती है.. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रस्ताव का समर्थन क्या कांग्रेस करेगी.. उन्होंने कहा कि INDI गठबंधन का नेतृत्व कर रही कांग्रेस ने अब्दुल्ला एंड संस प्राइवेट लिमिटेड की नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन की घोषणा की है.. कांग्रेस ने एक बार फिर अपने देश विरोधी इरादे दिखाए हैं, हाल ही में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपना घोषणापत्र जारी किया है जिसमें कई ऐसे बिंदु हैं जो भारत की एकता को बिगाड़ सकते हैं”..