बांग्लादेश में पिछले काफी समय से उथल पुथल के हालात बने हुए है.. नतीजा ये हैं की
बांग्लादेश में तख्ता पलट हो चुका है, प्रधानमंत्री शेख हसीना बांग्लादेश छोड़ कर हिंदुस्तान में छुपी हुई है, राष्ट्रपति ने वहां की संसद को भंग कर दिया है.. पूर्व प्रधानमंत्री खालीदा जिया को लम्बे वक़्त के बाद से जेल से रिहा कर दिया गया है..
*सिलसिलेवार समझिये बांग्लादेश में कब -कब क्या हुआ*
1- रविवार (4 अगस्त) को बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी और 13 पुलिसकर्मियों समेत कम-से-कम 94 लोग मारे गए थे.
2- इसके बाद पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया और देश के एक बड़े हिस्से में इंटरनेट बंद कर दिया गया.
3-रविवार की हिंसा के बाद विरोध और भड़क उठा, सोमवार को हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारी कर्फ्यू के बावजूद ढाका की सड़कों पर उतर पड़े
4- शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए उनके सरकारी आवास की ओर बढ़ने लगे.
5- आखिरकार शेख हसीना ने ना सिर्फ इस्तीफा दे दिया बल्कि वह बांग्लादेश से भी निकल गई हैं.
6- बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शन पिछले महीने शुरू हुए थे,
7- तब से वहां हुई हिंसा में लगभग 300 लोगों की जान जा चुकी है.
8- 1971 के बाद से बांग्लादेश में इतने बड़े पैमाने पर पहली बार हिंसा हुई है
*क्यों जल उठा बांग्लादेश *
1- बाग्लादेश में प्रदर्शन जुलाई के आरंभ में शुरू हुए
2- वहां यूनिवर्सिटी छात्र शांतिपूर्वक सरकारी नौकरियों में आरक्षण को समाप्त करने की मांग कर रहे थे
3- वो चाहते थे कि नौकरियों में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए पाकिस्तान के खिलाफ मुक्तियुद्ध में हिस्सा लेने वाले मुक्तियोद्धाओं के परिवारों के लिए एक तिहाई आरक्षण की व्यवस्था को समाप्त किया जाए
4- 19 जुलाई को वहां प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 67 लोगों की मौत हो गई
5- 21 जुलाई को बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने भी नौकरियों में एक तिहाई आरक्षण के विरोध में फैसला दिया और आरक्षण की सीमा को घटाकर 5 प्रतिशत करने का फैसला सुनाया.
6- मगर छात्र इससे संतुष्ट नहीं हुए और वह इस आरक्षण को पूरी तरह समाप्त करने की मांग करते रहे.
7- सरकार के सख्त रवैये से उनकी नाराजगी और बढ़ती गई.